ब्लॉग आर्काइव

सोमवार, 24 अक्तूबर 2016

अब हिंदी में करें इंजीनियरिंग

हिंदी माध्यम वाले बच्चों के लिए खुशखबरी......
हिंदी माध्यम के बच्चों के लिए अटल विहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय खुशखबरी लेकर आया है जी हा हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाने की खुशखबरी।
अटल विहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ( abvhv ) भोपाल से अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी कर सकते है। क्योंकि विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करवाने के लिए पाठ्यक्रम भी जारी कर दिया है।
विश्वविद्यालय से अभियांत्रिकी में चार वर्ष के स्नातक अर्थात (बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग बी.ई.) कोर्स के साथ ही तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी हिंदी में कर सकते है
किस किस शाखा में ले सकते है प्रवेश
अटल विहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल ने अभी केवल तीन ही शाखा (ब्रांच) में इंजीनियरिंग अर्थात अभियांत्रिकी की पढ़ाई शुरू करवाई है ये है  नागर (सिविल), यांत्रिकी (मैकेनिकल) और वैधुत (इलेक्ट्रिकल)
कब से शुरू होगा पाठ्यक्रम
हिंदी में इंजीनियरिंग के लिए अटल विहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने इस साल के कोर्स की कक्षा 5 सितम्बर 2016 से शुरू कर दी है

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2016

हिंदी माध्यम के छात्रों की इंजीनियरिंग में समस्या

अक्सर देखा गया है की इंजीनियरिंग के शुरुआती समय में हिंदी माध्यम के छात्रों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उनकी इन समस्याओं पर प्रकाश डालने और समस्याओं का कुछ हद तक समाधान करनें की कोशिश यहाँ की गई है।

हिंदी माध्यम के छात्रों की समस्याएं

१. चूँकि इंजीनियरिंग की पढ़ाई इंग्लिश में ही होती है पढ़ी भी इंग्लिश में जाती है और लिखी भी इंग्लिश में ही जाती है। और जिन लोगो द्वारा ये पढ़ाई जाती है उन्हें भी शायद हिंदी का इतना ज्ञान नहीं होता इसलिए वह इसे हिंदी में ठीक से पढ़ा नहीं पाते है।
२. अगर किसी शिक्षक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करवा भी दी तो उसे पढ़ कर समझ तो लिया, लेकिन अब रिवीजन कैसे करें कुछ समझदार लोग सारी कहानी हिंदी में ही अपनी कॉपी में लिख डालते है। लेकिन इससे होगा क्या पढ़ा भी हिंदी में लिखा भी हिंदी में अब परीक्षा में क्या करें यहाँ तो इंग्लिश में ही लिखना पड़ेगा। अब वह तो हिंदी लिख भी आये तो कोई भरोसा की नंबर मिले की नहीं मिले।
अब क्या हालात हुई आता सब कुछ है लेकिन आप लिखें कैसे इंग्लिश में अब 3 घंटे परीक्षा कक्ष में यही सोच कर निकाल देते है की काश हम इंग्लिश माध्यम में पढ़े होते। सबकुछ आने के वाबजूद सामने वाले को कुछ न समझा पाना दूसरी पड़ी समस्या है।